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Title : मुनिराज जी तपधारी पहाडों में भक्ति थे किनी लिरिक्स
Published By: Shri Ganesh Ji Bhajan Hindi Lyrics
Date: 2020
Category: Bhajan Lyrics
Label:Hindi Bhajan
Duration : 7 min
Download : MP3 | MP4 | M4R
Songs Info: There are very beautiful bhajan मुनिराज जी तपधारी पहाडों में भक्ति थे किनी लिरिक्स that will hear you become disturbed, many such Bhajans are available in Bhaktigaane, listen to yourself and also tell others and share them together to help us
Songs Info : बहुत ही सुन्दर भजन हैं स्पेशल ! मुनिराज जी तपधारी पहाडों में भक्ति थे किनी लिरिक्स जिसे सुनकर आप भाव विभोर हो जायेंगे ऐसे ही बहुत सारे भजनो का संग्रह हैं भक्तिगाने में मिलेगा , खुद भी सुने और दुसरो को भी सुनाये और साथ में शेयर कर हमें सहयोग प्रदान करे
मुनिराज जी तपधारी,
पहाडों में भक्ति थे किनी,
शमशेर गिरिजी तपधारी,
पहाडों मे भक्ति थे किनी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा।।
अरे अमरकोट मे जन्म आपरो,
अमरकोट मे जन्म आपरो,
सखीया मंगल गावे भारी,
राजा रामसिंह पिता आपरा,
माता रूपादे माँ थोरी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा,
अरे अमरकोट सु आप पधारीया,
अमरकोट सु आप पधारीया,
आया आबूगढ रे माई,
अमरकोट सु आप पधारीया,
तपस्या किनी हद भारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा।।
अरे सिद्ध तपस्वी संत कहाया,
सिद्ध तपस्वी संत कहाया,
मुनिंराज जी तपधारी,
सिद्ध तपस्वी संत कहाया,
कठोर तपस्या किनी भारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा,
अरे वास्थानजी मे लिनी समाधि।
वास्थानजी मे लिनी समाधि,
पौष मास सातम् भारी,
वास्थानजी मे मेलो भरीजे,
दर्शन आवे नर नारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा।।
हर साल थोरो मेलो भरीजे,
हर साल थोरो मेलो भरीजे,
छठ सातम् आठम् भारी,
हर साल थोरो मेलो भरीजे,
मुनिराज जी रो हद भारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा,
अरे बग गाँव में मेलो भरीजे,
केर गाँव में मेलो भरीजे,
जिला सिरोही है हद भारी,
वास्थानजी मे मेलो भरीजे,
मुनिराज जी रो हद भारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा।।
अरे भक्त हजारो आवे द्वार पर,
भक्त हजारो आवे द्वार पर,
ले आशा मन में थोरी,
भक्त हजारो आवे द्वार पर,
ले मन में आशा भारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा,
अरे लाखो संत आवे आपरे,
लाखो संत आवे आपरे,
धुणी रमावे हद भारी,
लाखो संत आवे आपरे,
धुणी रमावे हद भारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा।।
अरे मुनिराजजी रा परचा पड रया,
मुनिराज जी रा परचा पड रया,
ज्योत जागे है हद भारी,
मुनिराज जी रा परचा पड रया,
ज्योत जागे हैं हद भारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा,
अरे “मनीष सीरवी” रचना बनायी,
मनीष सीरवी रचना बनायी,
आयो शरने मै थोरी,
जुग जुग शरनो मे राखो बापजी,
आप बडा हो उपकारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा।।
अरे बग गाँव सु बालक आपरे,
बग गाँव सु बालक आपरे,
‘चौधरी प्रकाश’ गावे भारी,
बग गाँव सु बालक आपरे,
चौधरी प्रकाश गावे भारी,
मै तो शरणे आपरी आयो,
नैया पार लगावो म्हारी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा।।
मुनिराज जी तपधारी,
पहाडों में भक्ति थे किनी,
शमशेर गिरिजी तपधारी,
पहाडों मे भक्ति थे किनी,
मुनिंराज जी तपधारी रे ए हा।।
गायक – प्रकाश चौधरी बग सिरोही।
लेखक / प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818