भक्ति के रंग में राम हिंदी भजन लिरिक्स
Bhakti Ke Rang Me Ram Hindi Bhajan Lyrics
Download Bhakti Ke Rang Me Ram Hindi Bhajan Lyrics :MP3 | MP4 | M4R iPhone | Download For Android Phone | Download For Apple Phone | Download For Audio File | Download For Video File
Bhakti Ke Rang Me Ram Hindi Bhajan Lyrics -HD Video Download
Bhakti Ke Rang Me Ram Hindi Bhajan Lyrics
हो भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन
हो भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन
पल भी न बिसराऊ तुझको निसदिन कर लूँ चिंतन
निसदिन कर लूँ चिंतन
भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन
भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन…………..
प्रवास में संग रामभक्ति हो तो यात्रा कहलाये
प्रवास में संग रामभक्ति हो तो यात्रा कहलाये
भोजन में हो भक्ति शामिल वो प्रसाद बन जाए
भोजन में हो भक्ति शामिल वो प्रसाद बन जाए
भक्ति के गंगाजल से ये तनमन कर दे पावन
तनमन कर दे पावन
भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ —मेरे रघुनन्दन
ओ भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ -मेरे रघुनन्दन………
श्रम से मिलन हो रामभक्ति का वो श्रम यज्ञ कहावे
श्रम से मिलन हो रामभक्ति का वो श्रम यज्ञ कहावे
निराहार उपवास बने जब भक्ति का रस घुल जाये
निराहार उपवास बने जब भक्ति का रस घुल जाये
भक्ति के फूलों से भर दे मेरे मन का उपवन
मेरे मन का उपवन
भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन
हो भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन……………
जिस आवास में राम बसें हो वो मंदिर बन जाये
जिस आवास में राम बसें हो वो मंदिर बन जाये
पत्थर भी श्री राम नाम के कारण ही तर पाए
पत्थर भी श्री राम नाम के कारण ही तर पाए
रामभक्ति से जोड़ लूँ नाता तोड़के सारे बंधन
तोड़के सारे बंधन
भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन
भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन………….
याद में रामभक्ति जलसिंचन निज आनंद दिलवाये
याद में रामभक्ति जलसिंचन निज आनंद दिलवाये
जीव बने श्रीराम में तनमय उनमें जाये समाये
जीव बने श्रीराम में तनमय उनमें जाये समाये
मुक्ति का पथ दिखलाना हे दशरथ के नंदन
हे दशरथ के नंदन
भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन
हो भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन
पल भी न बिसराऊ तुझको निसदिन कर लूँ चिंतन
निसदिन कर लूँ चिंतन
भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन
भक्ति के रंग में रंग दे जीवन
ओ मेरे रघुनन्दन……..