
हस्त रेखा ज्ञान Palmistry (Hast Rekha Gyan) In Hindi
Hast Rekha Gyan In Hindi – हमारे हाथ की रेखाएं बताती है की आप भाग्यशाली है या नहीं। इन रेखाओं का संबंध व्यक्ति की जीवन में होने वाली तमाम घटनाओं से जुड़ा होता है। हमारी हथेली में जीवन रेखा, हृदय रेखा, विवाह रेखा, और भी बहुत सी रेखाएं बनी होती है। आज हम हस्त रेखा ज्ञान के माध्यम से जानेंगे की हमारे हाथ में मुख्य रेखाएं कौन-कौन सी होती है।
इन रेखाओं के माध्यम से व्यक्ति के भाग्य के बारे में काफी कुछ पता चल जाता है।हाथ की लकीरें हमारे जीवन के बारे में काफी कुछ बताती है। हाथो की लकीरें भी समय समय पर बदल जाती है और हमें बताती है की हमारे जीवन में कैसे कैसे बदलाव आ रहे है। हस्तशास्त्र में हाथ की लकीरों की व्याख्या की गयी है। लेकिन हम हाथ की हर लकीर को तो नहीं पढ़ सकते क्योकि उसके लिए हमे पूर्ण हस्तशास्त्र का ज्ञान पड़ना होगा। लेकिन हाथो की कई लकीरे हमारे जीवन के बारे में सटीक जानकारी देती है
Palmistry (Hast Rekha Gyan) In Hindi With Images
हस्तरेखा ज्ञान के माध्यम से मुख्य रेखाएं कौन-कौन सी होती है?
जीवन रेखा Jeevan Rekha (Jeevan Rekha Kya Hain ? )
हस्त रेखा के माध्यम से तो जीवन रेखा का बहुत ही बड़ा महत्व है| हथेली में अगर हम जीवन रेखा को देख रहे हैं स्पष्ट रूप से जीवन रेखा बनी है तो बहुत ही अच्छा फल इसका हमें प्राप्त होता है| हाथों की लकीरों में ही इंसान के जीवन मरण का सारा रहस्य छुपा होता है| जीवन चक्र के इस रहस्य को बताने वाली इस रेखा को ही जीवन रेखा कहा जाता है| Hast Rekha Gyan In Hindi जीवन रेखा कहां होती है इसके विषय में अगर हम बात करें तो जीवन रेखा का घेराव अंगूठे के निचले क्षेत्र में होता है| यह शुक्र का क्षेत्र माना जाता है| तर्जनी और अंगूठे के मध्य से शुरू होकर मणिबंध तक जाती है|
इस रेखा का फल यह है की इंसान की आयु और उसके जीवन में और रोगों आदि का पता चल पाता है| जीवन रेखा लंबी पतली साफ हो और बिना किसी रूकावट के होनी चाहिए| अगर जातक के हाथों में जीवन रेखा पर कई जगह छोटी-छोटी रेखाएं कट या क्रॉस कर रही हैं तो यह अच्छी सूचना नहीं देते|
रेखा पर अगर कहीं रेखाएं स्टार का निशान बनाए तो यह रीड की हड्डी से संबंधित बीमारियों की निशानी होती है और आंखों की समस्या को दर्शाता है वही जीवन रेखा पर काला धब्बा या तिलिया क्रॉस एक्सीडेंट की तरफ इशारा करते हैं यह इन को पार कर जाए तो इसका अर्थ है कि जातक के जीवन में न्यू से देर सवेर उबर ही जाएगा आदेश अनदेखा का होता है इसी से हथेली की रेखाएं किसी की जीवन रेखा ही अगर शुक्र में है तो विपरीत और रेखाएं उसकी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है तो उसका कोई भी फायदा जातक को नहीं होता क्योंकि जीवन रेखा महत्वपूर्ण रेखा कही जाती है हस्त रेखा के माध्यम से इसका होना स्पष्ट रूप से होना बिना कोई रूकावट के अगर यह सीधी मणिबंध तक पहुंचती है तो यह जातक के लिए विशेष फल और शुभ मानी जाती है।
विवाह रेखा (Marriage Line)
शुक्र पर्वत तथा गुरु पर्वत विकसित हो तो विवाह योग बनता है। मगर विद्वानों ने इसके इलावा अन्य तथ्य इस प्रकार से स्पष्ट किये है : Palmistry In Hindi
सुखी विवाह योग – हथेली में भाग्य रेखा का उधगम स्थान चंद्र पर्वत हो। यदि भाग्य रेखा हृदय रेखा पर समाप्त हो या यदि गुरु पर्वत पर क्रॉस हो तो ये सुखही विवाह का योग बनती है।
सुखिन विवाह के योग – शुक्र पर्वत कम उभरा हुआ हो यदि शुक्र पर्वत पर लाल रंग का तारक चिन्ह हो यदि विवाह रेखा पे द्वीप का चिन्ह हो यदि भाग्य रेखा पर क्रॉस हो तो सुखिन विवाह का योग बनता है।
अनमेल विवाह का योग – सूर्य रेखा तथा विवाह रेखा आपस में काटती हो यदि सूर्य रेखा का पर्वत ज़रूरत से ज्यादा विकसित हो तो अनमेल विवाह का योग बनता है।
व्यापारी से विवाह का योग – मणिबंध से शुक्र पर्वत को कोई रेखा जाती हो यदि मणिबंध से कोई रेखा बुध पर्वत तक पहुँचती हो या यदि सूर्य रेखा का शुक्र रेखा से संबंध हो तो एक अचे व्यापारी से विवाह का योग बनता है।
बूढ़े व्यक्ति से विवाह का योग – कोई रेखा मणिबंध से निकलकर शुक्र पर्वत या शनि पर्वत पर जाती हो यदि हाथ कमज़ोर एवम संकिन हो तथा भाग्य रेखा एवम प्रणय रेखा दूषित हो तो किसी बूढ़े व्यक्ति से विवाह का योग बन सकता है।
विवाह में बाधा का योग – विवाह रेखा कई स्थानों पर कटती हो यदि चंद्र पर्वत पर आड़ी तिरछी रेखाएं हो यदि शुक्र पर्वत पर 2 तारक चिन्ह हो, तो विवाह में बाधा आ सकती है।
तलाक के योग – शुक्र रेखा से हृदय रेखा को कोई रेखा जाती हो, भाग्य रेखा पर द्वीप हो, विवाह रेखा के अंत में रेखाओ का गुच्छा हो तो तलाक का योग हो सकता है।
भाग्य रेखा Bhagya Rekha – (Bhagya Rekha Kya Hoti Hai ? )
Palmistry (Hast Rekha Gyan) In Hindi – हथेली पर मुख्य 3 रेखाओ – मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा और हृदय रेखा के आलावा एक और रेखा होती है “भाग्य रेखा” ये ज्यादातर लोगो के हाथो में होती है पर कई बार ये नहीं भी हो सकती है। भाग्य रेखा कलाई के पास हथेली के नीचले हिस्से से निकलकर हथेली के बीच से होती हुए मध्यमा बीच वाली ऊँगली की और जाती है। हथेली में मध्यमा ऊँगली के नीचे शनि पर्वत जिसे हम भाग्य स्थान भी कहते है तक जो रेखा तक पहुँचती है उसे भाग्य रेखा कहते है।
आमतौर पर भाग्य रेखा, जीवन रेखा, मणिबंध रेखा, मष्तिस्क रेखा, हृदय रेखा या चंद्र पर्वत से शुरू होकर शनि पर्वत की ओर जाती है। भाग्य रेखा या नियति रेखा व्यक्ति के जीवन के काफी पहलुओं को दर्शाती है। व्यक्ति के जीवन का रूप इस रेखा के ऊपर निर्भर करता है। Palmistry Hast Rekha Gyan In Hindi भाग्य रेखा से स्कूल और करियर के चयन, सफलताओ और बाधाओं सहित व्यक्ति के जीवन से जुडी सभी बाते होती है। ये रेखा व्यक्ति के नियंत्रण से दूर होने वाली परिस्थितियों को दर्शाती है। अगर भाग्य रेखा मणिबंध रेखा से होकर इस स्थान तक पहुँचती है तो व्यक्ति बहुत भाग्यशाली होता है। ऐसा व्यक्ति बहुत महत्वकांशी होता है। सफलता उसके कदम चूमती है।
भाग्यशाली होने के लिए इस रेखा के बीच में कोई कटाव नहीं होना चाहिए। कटाव होने पर व्यक्ति को सफलता तो मिलती है परन्तु बहुत कष्टों और संघर्षो के बाद। भाग्य रेखा का प्रभाव इस प्रकार देखा जा सकता है अगर भाग्य रेखा गहरी हो तो व्यक्ति के जीवन में भाग्य का नियंत्रण बहुत अधिक होता है। अगर रेखा कटी हुई और कई रास्तो में बाटी हुई हो तो कई कारणों से जीवन में अनेक परिवर्तनों की संभावना होती है। भाग्य रेखा जीवन रेखा से निकल रही हो तो व्यक्ति सफलता की बुलंदियों को छूता है लेकिन वहाँ पहुँचकर उसकी इच्छाये बहुत बढ़ने लगती है और वो अधिक महत्वकांशी हो जाता है। भाग्य रेखा बीच में जाकर जीवन रेखा से जुड़ रही हो तो व्यक्ति के जीवन में संघर्ष और बलिदान लिखा होता है।
संतान रेखा ( Santan Rekha )
जीवन में कुछ पड़ावों को बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है जैसे शादी और उसके बाद संतान सुख को। ये दो महत्वपूर्ण पल होते है जब इंसान का जीवन बिल्कुल बदल जाता है यानि कुछ नई जिम्मेदारियां आपके जीवन में दस्तक दे देती है। पर इनके जीवन में प्रवेश करने से पहले ही लोग इस बात को जानने के लिए आतुर रहते है की आखिर भविष्य की गोद में क्या छिपा है आखिर उनकी शादी कब होगी, आखिर उनको बच्चों का सुख कब प्राप्त होगा।
भाग्य में संतान सुख का प्रमाण ज्योतिष के अनुसार कई चीज़ो में होता है, जैसे कुंडली या हस्तरेखाओं में। Palmistry Hast Rekha Gyan In Hindi यह भी कहा जाता है हाथ में संतान रेखा एक सुख की बेहद अहम निशानी होती है। तो अब ये जानने की उत्सुकता तो बनती है की आखिर कहा होती है ये संतान रेखा। संतान रेखायें ठीक विवाह रेखा के ऊपर होती है। बुध पर्वत यानि छोटी ऊँगली के ठीक नीचे के भाग में विवाह रेखा होती है वही मौजूद खरी रेखाएं संतान रेखाएं कहलाती है। संतान प्राप्ति के योग को कई अन्य रेखाएं भी प्रभावित करती है जैसे मणिबंध रेखा, अंगूठे के नीचे पाई जाने वाली छोटी रेखा आदि।
मणिबंध रेखा (Wrist Line) – Manibandh Rekha Kya Hoti Hai ?
सामुद्रिक शास्त्र में हथेली देखकर भी व्यक्ति का स्वभाव, भविष्य के बारे में भी बताया जा सकता है। हाथ की कलाई पर बानी मणिबंध रेखाओ का भी सामुद्रिक शास्त्र में अहम स्थान है। हाथ में मौजूद मणिबंध रेखाएं भी मनुष्य के भाग्य, व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बताती है। हस्तज्योतिष के अनुसार कलाई पर तीन आड़ी रेखाएं मणिबंध रेखाएं कहलाती है। कुछ लोगो के हाथो में 2 मणिबंध रेखाएं होती है, तो कुछ के हाथो में चार मणिबंध रेखाएं भी दिखाई देती है। ये रेखाएं आयु, स्वास्थ्य और धन को भी दर्शाती है।
palmistry (Hast Rekha Gyan ) In Hindi
- यदि किसी व्यक्ति के हाथो में चार मणिबंध रेखाएं हो तो उसकी आयु करीब 100 वर्ष की होती है।
- वही जिसके हाथ में तीन मणिबंध रेखाएं होती है उसकी आयु 75 वर्ष की होती है। दो रेखाएं होने पर इसे व्यक्ति की उम्र 50 वर्ष होती है।
- यदि मणिबंध रेखाएं टूटी हुई हो तो या छिन्न-भिन्न हो कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति के जीवन में बाधाएँ आती रहती है।
- मणिबंध की रेखाएं जितनी अधिक स्पष्ट और गहरी होती है उतनी ही ज्यादा अच्छी मानी जाती है।
हृदय रेखा ( heart Line) Hridaya Rekha – Hridaya Rekha Kya Hoti Hai ?
किसी भी हथेली में हृदय रेखा वह रेखा है, जो दिल से जुडी भावनाओ के विषय को बताती है। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में हृदय रेखा अनुपस्थित हो तो ऐसा व्यक्ति प्रवृत्तियों में लिप्त होता है। Palmistry Hast Rekha Gyan In Hindi यदि हृदय रेखा पतली, और हल्की हो, तो ऐसा व्यक्ति बहुत सवेदनशील और नर्म स्वभाव का होता है। यदि हृदय रेखा अधिक मोटी हो, तो ऐसा व्यक्ति कठोर स्वभाव का होता है। यदि हृदय रेखा अंत में शाखा युक्त हो, तो ऐसा व्यक्ति सज्जन और प्रेमी होता है।
हृदय रेखा अंत में शाखाहीन हो, तो ऐसा व्यक्ति रूखे स्वभाव का होता है। यदि हृदय रेखा अंत में टूटी हुई हो, तो यह प्रेम संबंधो में बिखराव को दर्शाती है। यदि हृदय रेखा एक छोर से शुरू होकर दूसरे छोर तक जाये तो ऐसा व्यक्ति अपने काम से काम रखने वाला होता है।यदि हृदय रेखा गुरु पर्वत से शुरू होती हो, तो ऐसा व्यक्ति ज्ञानी, आदर्शवादी और विश्वास योग्य होता है। यदि हृदय रेखा का झुकाव मंगल क्षेत्र की और हो, तो ऐसा व्यक्ति उग्र स्वभाव का होता है।
हृदय रेखा तर्जनी ऊँगली के मूल से शुरू हो, तो ऐसा व्यक्ति व्यवहार कुशल और स्नेही होता है। ऐसा व्यक्ति सबका ख्याल रखता है। यदि हृदय रेखा मध्यमा ऊँगली के मूल से शुरू हो, तो ऐसा व्यक्ति स्वार्थी स्वभाव का होता है। यदि हृदय रेखा शृंखला कार हो, तो यह व्यक्ति के जीवन के संघर्ष को बताती है। यदि हृदय रेखा के बीच में द्वीप बना हो, तो यह जीवन के उस समय में हुए तनाव का प्रतीक होता है। यदि हृदय रेखा का आरंम्भ छोटी रेखाओं के समूह से हो तो यह अस्थायी और एक से एक प्रेम को दर्शाती है। हृदय रेखा के नीचे की और बनी हुई छोटी और बारीक़ रेखाएं जीवन में मिलने वाली खुशियों की ओर संकेत करती है।
मस्तिष्क रेखा ( Mind Line ) Mastisk Rekha – Mastisk Rekha Kya Hoti Hai?
किसी भी हथेली में मस्तिष्क रेखा वह रेखा होती है, जो व्यक्ति के सोचने समझने ओर निर्णय लेने की क्षमता के विषय में बताती है। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में मस्तिष्क रेखा मध्यमा ऊँगली तक ही जाती हो, तो ऐसे व्यक्ति की सोच बहुत सीमित होती है और वह जीवन में ज्यादा कुछ करना नहीं चाहता। Palmistry Hast Rekha Gyan In Hindi यदि किसी व्यक्ति के हाथ में मस्तिष्क रेखा अनामिका ऊँगली तक जाती हो, तो ऐसा व्यक्ति जीवन में धन संपत्ति और मान-सम्मान प्राप्त करना चाहता है।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में मस्तिष्क रेखा कनिष्का ऊँगली तक जाती हो तो ऐसे व्यक्ति की सोच काफी बड़ी होती है। ऐसा व्यक्ति बहुत महत्वकांशी होता है। ऐसा व्यक्ति व्यापारी भी हो सकता है। यदि मस्तिष्क रेखा बहुत पतली और हल्की हो तो ऐसे व्यक्ति में सोचने समझने की क्षमता थोड़ी कम होती है। यदि मस्तिष्क रेखा मोती और गहरी हो तो ऐसे व्यक्ति में सोचने समझने की क्षमता अधिक होती है। यदि मस्तिष्क रेखा सीधी होगी तो व्यक्ति अपनी मर्ज़ी का मालिक होगा ऐसा व्यक्ति अपने ही मन का करेगा और दूसरो का नहीं सुनेगा।
मस्तिष्क रेखा घुमावदार होगी, तो ऐसा व्यक्ति सबके हितमें सोचने के बाद ही कोई कार्य करेगा। यदि मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के साथ चलने के के बाद अलग हो जाये, तो ऐसे व्यक्ति को आत्म निर्भर होने में समय लगता है। यदि मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा में अंतर हो, तो ऐसा व्यक्ति कम आयु में ही आत्म निर्भर जो जाता है। यदि मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा में अधिक अंतर हो, तो ऐसा व्यक्ति आत्मविश्वास से ग्रस्त होता है। यदि मस्तिष्क रेखा दो भागो में विभाजित हो जाए, तो ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान होता है।
सूर्य रेखा ( Sun line ) Surya Rekha – Surya Rekha Kya Hoti Hai?
सूर्य रेखा दोनों हाथो में स्पष्ट व सीधी हो तो व्यक्ति जीवन में पीरन सफलता प्राप्त करता है। यदि सूर्य रेखा भाग्य रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति स्वंय के प्रयास के खेलो और परीक्षाओ में सफल होता है। Palmistry Hast Rekha Gyan In Hindi यदि सूर्य रेखा क्र अंत में नक्षत्र का चिन्ह हो तो व्यक्ति विश्वप्रसिद्ध होता है। यदि सूर्य रेखा के मार्ग में द्वीप का चिन्ह हो तो व्यक्ति रोगी और समाज में बदनाम होता है। यदि सूर्यरेखा में वर्ग का चिन्ह हो तो व्यक्ति जीवन में अनेक बार अपमानित होता है। यदि सूर्यरेखा जीवन रेखा से प्रारम्भ हो तो व्यक्ति कला और गुप्त विद्याओ के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
यदि सूर्य रेखा के साथ सहायक रेखा भी है तो व्यक्ति आश्चर्यजनक सम्मान और सफलता प्राप्त करता है। यदि सूर्यरेखा हृदयरेखा से प्रारम्भ हो तो व्यक्ति प्रतिभाशाली, सफल और सुखी होता है। यदि सूर्यरेखा का प्रारम्भ मंगलपर्वत से हो तो व्यक्ति स्वावलंबी, जिद्दी, आत्मविश्वाशी और अत्याधिक स्वाभिमानी होता है। यदि सूर्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ हो तो यह अतिउत्तम है। ऐसा व्यक्ति सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है। यदि सूर्य रेखा के अंत में क्रॉस हो तो व्यक्ति की भाषा कटु होती है और वह व्यर्ध के कार्यो में समय नष्ट करता है। यदि सूर्य रेखा शुक्र पर्व से प्रारंभ हो तो व्यक्ति का जन्म धनि परिवार में होता है। विवाह के बाद सुखी और सफल रहता है।