कोई सुनता है गुरुज्ञानी कबीर हिंदी भजन लिरिक्स
Koi Sunta Hai Gurugyani Kabir Hindi Bhajan Lyrics
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Koi Sunta Hai Gurugyani Kabir Hindi Bhajan Lyrics
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी
गगन में आवाज हो रही झीनी
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी
पहले होता नाद बिंदु से फेर जमाया पानी
फेर जमाया पानी
पहले होता नाद बिंदु से फेर जमाया पानी
फेर जमाया पानी
सब घट पूरनपुर रहा है
आदि पुरुष निर्वानी
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी
जो तन पाया पता लिखाया
तृष्णा नहीं भुलानी
तृष्णा नहीं भुलानी
जो तन पाया पता लिखाया
तृष्णा नहीं भुलानी
तृष्णा नहीं भुलानी
अमृत रस छोड़ विषय रस चाखा
उल्टी फांस फ़सानी
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी
होहं सोहम बाजा बाजे
त्रिकुटी सुन्न समानी
त्रिकुटी सुन्न समानी
होहं सोहम बाजा बाजे
त्रिकुटी सुन्न समानी
त्रिकुटी सुन्न समानी
इड़ा पिंगला सुष्मन शोधो
सुन्न ध्वजा फहरानी
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी
दिद बंदीद हम नज़रों से देखा
अजरा अमर निशानी
अजरा अमर निशानी
दिद बंदीद हम नज़रों से देखा
अजरा अमर निशानी
अजरा अमर निशानी
कहे कबीर सुनो भाई साधो यही आदि की बानी
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी
गगन में आवाज हो रही झीनी
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी
कोई सुनता है गुरुज्ञानी
गगन में आवाज हो रही झीनी