कुछ और नहीं चाहत मेरी गणेश हिंदी भजन लिरिक्स
Kuch Aur Nahi Chahat Meri Ganesh Hindi Bhajan Lyrics
Kuch Aur Nahi Chahat Meri Ganesh Hindi Bhajan Lyrics -HD Video Download
कुछ और नहीं चाहत मेरी,
तेरे नाम का सुमिरन करता रहूँ,
हे गणपति बप्पा करना कृपा,
मैं नाम तुम्हारा जपते रहूँ,
कुछ और नहीं चाहत मेरी,
तेरे नाम का सुमिरन करता रहूँ……..
एकदंत हे करुणाकर,
बल बुद्धि के स्वामी हो,
तुम तीनो लोक में सब का,
संकट हरने वाले ज्ञानी हो,
तुम प्रथम पूज्य हे गणराया,
सब तेरे गुण को गाते हैं,
तुझ में सब की आस लगी,
सब मनवांछित फल पाते हैं,
हे शंकर सूत्र बस इतनी कृपा करना,
तुमको अपना कहता रहूं……..
कुछ और नहीं चाहत मेरी,
तेरे नाम का सुमिरन करता रहूँ……..
रूप तेरा अति प्यारा बप्पा,
हाथों में ग्रंथ और माला है,
संकट हर्ता कहलाते हो,
तू सब का प्यारा है
रिद्धि सिद्धि के दाता हो,
तुम जन जन के नायक हो
नैया पार लगाने वाले,
तुम करुणा के दायक हो,
हे पार्वती नंदन करुणाकर,
मैं तेरा वंदन करता रहूँ,
कुछ और नहीं चाहत मेरी,
तेरे नाम का सुमिरन करता रहूँ……..
अंतरा
जन जन के दिल में तुम बसते,
काज सिद्ध कर देते हो,
सच्चे दिल से जो ध्यान लगाता,
कष्ट रहित कर देते हो,
मूषक वाहक हे विग्नेश्वर,
अर्जी मेरी भी सुन लेना,
हे गणनायक हे स्वामी,
मुझे दास रूप में चुन लेना,
करुणा के सागर हे गणनायक,
अभिनंदन मैं करता रहूं
कुछ और नहीं चाहत मेरी,
तेरे नाम का सुमिरन करता रहूँ……..
कुछ और नहीं चाहत मेरी,
तेरे नाम का सुमिरन करता रहूँ,
हे गणपति बप्पा करना कृपा,
मैं नाम तुम्हारा जपते रहूँ,
कुछ और नहीं चाहत मेरी,
तेरे नाम का सुमिरन करता रहूँ……..