श्री कृष्ण चालीसा कृष्णा हिंदी भजन लिरिक्स
Shree Krishna Chalis Krishna Hindi Bhajan Lyrics
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Shree Krishna Chalis Krishna Hindi Bhajan Lyrics -HD Video Download
Shree Krishna Chalis Krishna Hindi Bhajan Lyrics
श्री कृष्ण चालीसा
कष्ट निकंदन देवकीनंदन
श्री वासुदेवाय नमो नमः
यदुवर गिरधर नटवर नागर
श्री माधवाय नमो नमः
पाप मिटाने धरती पर
नारायण ने रूप लिया
युद्धक्षेत्र में सारथी बनके
पार्थ को गीता ज्ञान दिया
श्री कृष्णाय नमो नमः नमो नमः
जब जब बढ़ता पाप धरा पर
तब तब आते हैं परमेश्वर
त्राहि त्राहि था पाप से द्वापर
तब आए हरी बनकर यदुवर
कंस नाम का था एक राजा
मनमानी जनता पे था करता
एक दुखिया साधू ने बोला
राजन अपना बदल लो चोला
जो छल कपट ना तूने छोड़ा
सर्वनाश इस कुल का होगा
देवकि वसु की आठवीं संतान
निश्चय हरेगी तेरे प्राण
स्वप्न रात को कंस ने देखा
एक बालक सिरहाने बैठा
माँग रहा प्राणों का दान
बिजली कौंधी लिया संज्ञान
देवकि वसु को बंदी बनाया
कारागार में उन्हें बिठाया
पहरेदारी थी अतिभारी
बाल के काल की थी तैयारी
समय समय पर की निगरानी
काल का भय था मन में ग्लानि
पिता ने पुत्र को जो समझाया
राज द्रोही कह बंदी बनाया
काल चक्र को रोक ना पाया
साधु श्राप ने रंग दिखाया
अंततः समय निकट वो आया
कंस काल दुनिया में आया
टूटे ताले प्रहरी सोए
जन्मे कृष्ण हँसे ना रोए
वासु ने श्रीकृष्ण उठाए
जमुना पार कर गोकुल आए
नंद के घर जब वासु पंहुचे
एक बालक थे बग़ल दबोचे
नंद को सारी व्यथा बताई
नंद ने यशुमती तुरंत बुलाई
नंद के घर जन्मी थी बच्ची
पलने से वो उठाई शक्ती
वसु लौट के मथुरा आए
देवकी को सब हाल सुनाए
जागे प्रहरी नींद से गहरी
ताले जड़े थे खड़े थे प्रहरी
कंस जब ये मिली सूचना
कंस की जागी दुष्ट चेतना
गरजा एक हुंकार लगायी
मेरे काल की मृत्यु आई
स्वयं सैनिकों संग वो आया
देख देवकी को मुसकाया
देवकी वसु ने जोड़े हाथ
विनय पूर्वक कही ये बात
यह लड़का नही कन्या है
इसी को मैने जन्मा है
ये तो काल नहीं हो सकती
छोड़ दो इसको मानलो विनती
पापी कंस कपट से बोला
देखूँ बालिका है या धोखा
छिन बालिका कंस ने लिन्ही
पत्थर पटक मार वो दीन्ही
बालिका थी शक्ती की माया
जिसने आकर कृष्ण बचाया
जाते जाते दिया संदेश
अंत समय मरता है विवेक
जीवित है संतान आठवीं
जो विध्वंस करेगी राज्य की
निश्चित अंत तुम्हारा होगा
साधुवाक्य संपूरन होगा
तभी कंस ने खड़ग उठाया
मारने वसु संग देवकी आया
पूछा कहाँ है जो था जाया
सत्य बताओ कहाँ छिपाया
मुझसे नहीं वो बच पाएगा
जिसने छिपाया वो पछताएगा
कंस ने नाना किए उपाय
बदल ना पाया अपना सुभाय
पूतना मारी मारे दुर्जन
कृष्ण कला पर हर्षित हरिजन
द्वापर देव किशोर अवस्था
कंस को मारा छिनी सत्ता
नाना को लौटाया राज
मथुरा में हुआ धर्म का राज