
श्रीमदभगवदगीता अष्टादश अध्याय सभी श्लोक || Shrimad Bhagwad Geeta Chapter-18 All Shlok
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Lyrics Name:श्रीमदभगवदगीता अष्टादश अध्याय सभी श्लोक
Album Name:Shrimad Bhgwad Geeta Mahakavya
Published Year:2017
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अर्जुन उवाच
संन्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम्।
त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन।।
॥ श्लोक का अर्थ ॥
अर्जुन बोले —
हे महाबाहो हे हृषीकेश हे
केशिनिषूदन मैं संन्यास और
त्यागका तत्त्व अलगअलग जानना चाहता हूँ।
श्री भगवानुवाच
काम्यानां कर्मणां न्यासं संन्यासं कवयो विदुः।
सर्वकर्मफलत्यागं प्राहुस्त्यागं विचक्षणाः।।
॥ श्लोक का अर्थ ॥
श्रीभगवान् बोले — कई विद्वान् काम्यकर्मोंके त्यागको संन्यास कहते हैं और कई विद्वान् सम्पूर्ण कर्मोंके फलके त्यागको त्याग कहते हैं। कई विद्वान् कहते हैं कि कर्मोंको दोषकी तरह छोड़ देना चाहिये और...