इन 5 मौकों पर घर में रोटी बनाने से होता है नुकसान, 21 अगस्त को भी रहें सावधान

सनातन धर्म में कई ऐसी तिथियां उल्लेखित हैं, जिनमें रोटी बनाना वर्जित माना गया है. साल में ऐसी कुल 5 तिथियां आती हैं. 

कहते हैं कि इन 5 दिनों में रोटी बनाने से मां अन्नपूर्णा और धनलक्ष्मी रुष्ट होती हैं और घर में अन्न-धन की कमी होने लगती है. 

21 अगस्त को नाग पंचमी का त्योहार आने वाला है. ऐसी मान्यताएं हैं कि नाग पंचमी पर रसोई में तवा नहीं रखना चाहिए. 

नागपंचमी 

शास्त्रों के अनुसार, तवा राहु का प्रतीक होता है. इसलिए इस दिन खाना बनाने के लिए कढ़ाई या पतीले जैसे बर्तनों का ही प्रयोग होता है. 

शरद पूर्णिमा 

शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था. इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन भी घर में कच्चा खाना नहीं बनाना चाहिए. 

इस दिन घर में खीर-पूरी बनानी चाहिए. शरद पूर्णिमा पर खीर को चांद की रोशनी में रखकर खाने से अमृत पान जैसा सौभाग्य मिलता है. 

शीतला अष्टमी पर मां शीतला की पूजा होती है और उन्हें बासी खाने का भोग लगाया जाता है. इसके बाद उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. 

शीतला अष्टमी 

शास्त्रों के अनुसार, जब घर में किसी की मृत्यु हो जाए तो उस दिन घर में रोटी नहीं बनती हैं. 13वीं संस्कार के बाद ही घर में रोटी बनाते हैं. 

मृत्यु होने पर 

शास्त्र के अनुसार, दिवाली के दिन घर में रोटी नहीं बनाई जानी चाहिए. इस दिन खास पकवान बनाने का रिवाज होता है. 

दिवाली