दीपक जलाते वक्त ये 5 गलतियां करने से रुष्ट होती हैं मां लक्ष्मी, होती है धन हानि

सनातन धर्म में शुभ अवसरों पर दीप जलाने की परंपरा है. कुछ लोग देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए शाम को चौखट पर दीप जलाते हैं. 

लेकिन मंदिर या चौखट पर दीप जलाने वाले अक्सर जाने-अनजाने में बड़ी भूल कर बैठते हैं. इससे उन्हें उपासना का फल नहीं मिल पाता है. 

ज्योतिषविदों कहते हैं कि दीप जलाने के भी कुछ विशेष नियम होते हैं. हर देवी-देवताओं की पूजा में अलग-अलग दीपक जलाए जाते हैं. 

दीप जलाने के 3 नियम 

ज्योतिषविदों के अनुसार, अगर आप मंदिर या चौखट में घी का दीपक जला रहे हैं तो इसे हमेशा अपनी बाईं रखना चाहिए. 

दीपक का पूजा के बीच में बुझ जाना अशुभ माना जाता है. इसलिए उसमें तेल, घी या बाती का विशेष ख्याल रखना जरूरी होता है. 

आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाहते हैं तो दुर्गा मां के सामने घी का दीपक जलाएं, इससे आर्थिक तंगी दूर होती है. 

कौन सा दीपक जलाएं? 

शाम के समय घर के मुख्‍य द्वार पर घी का दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है. इससे घर में मां लक्ष्‍मी वास करती हैं. 

शनि को प्रसन्‍न करने के लिए सरसों के तेल या तिल का दीपक जलाना चाहिए. इससे साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव समाप्त होता है. 

हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसे घरों नकारात्मक ऊर्जा कभी नहीं घेरती है. 

कुंडली में राहु-केतु दोष हो तो उसके अशुभ फल से बचने के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है.