आज हम आपको बताएंगे की बगलामुखी मंत्र के फायदे क्या होते हैं। इसके अलावा जानेंगे की इस मंत्र के नुकसान से लेकर, इसको कब और कैसे और किन परिस्थितियों में किया जाना चाहिए? इसकी संपूर्ण जानकारी आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे।
What is Bagalamukhi Mantra? (Importance, uses, rules, advantages and disadvantages)
बगलामुखी मंत्र का प्रयोग : Use of Bagalamukhi Mantra
जैसा की आप सब जानते ही है की हमारी भारतीय संस्कृति में कई धर्म शामिल है, जिसमें से सनातन वैदिक हिंदू धर्म का ज्ञान, विज्ञान, शक्ति, भक्ति तंत्र – मंत्र आदि से भरपूर है। हमारे सनातन धर्म में कई धर्मो के ग्रंथ उपलब्ध है, जिनमें सबसे पहले दश महाविद्याओं का उल्लेख स्पष्ट रूप से पाया गया है, यह दश महाविद्या विशेष रूप के लिए अवतरित हुई हैं।
अगर देखा जाएं तो महाविद्या महाकाली दुर्गा का ही एक विशेष रूप है, जिसमें दश महाविद्याओं का अपना – अपना अलग – अलग कार्य होता है, जिनमें से एक बगलामुखी भी हैं।
बगलामुखी बहुत ही खास और बेहद अद्भुत तांत्रिक क्रियाओं वाली महाविद्या है, जों अपने शत्रु को खत्म करने के लिए दश महाविद्या तंत्रिका विद्या का उपयोग करते है। सभी दशविद्या तांत्रिक रूप में बहुत प्रचलित हैं, जों अपने शत्रु को तथा शत्रुता को हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए बगलामुखी मंत्रोच्चार किया जाता है। साथ ही यह मंत्र बहुत ही अद्भुत तरीके से और बहुत ही जल्दी अपना असर दिखना शुरू कर देता है।
बगलामुखी पूजा करते समय विशेष रुप से किन बातो का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए?
What are the things that should be specially taken care of while performing Bagalamukhi Puja?
बगलामुखी पूजा करते समय जिन बातो का ध्यान रखना चाहिए उसके बारे में हमने आपको निचे विस्तार से बताने की कोशिश की है।
ऐसा माना जाता है की माँ बगलामुखी बहुत ही भयानक और विकराल रूप वाली माँ के रूप में जानी जाती है, पर जो भक्त सच्चे दिल से धार्मिक होते हैं और सच्चे मन से अपने धर्म का पालन करते हैं साथ ही जो धर्मपरायण होते है और जों सही रास्ते पर चलते है, उनके लिए माँ बगलामुखी ममता की मूरत है।
माँ अपने इसी ममतामयी रूप में ही अपने सभी भक्तों का उद्धार करती है। आपको हम बता दे कि माँ बगलामुखी की पूजा अर्चना और मंत्र उच्चाराण करना काफ़ी मुश्किल काम है। इस मंत्र उच्चारण में गलती की कोई भी गुंजाइश नही होती हैं। अगर इस मंत्र के उच्चारण में छोटी से छोटी भी गलती हो जाती है, तो यह साधना फायदे की जगह आपको भारी नुकसान पहुँचा देती है।
इसलिए इसको करने के लिए आपको अपने गुरु की आवश्यकता होती है। साथ ही बिना गुरु के इस साधना को कर पाना लगभग नामुमकिन सा हो जाता है। बिना गुरु के इसको करना नुकसानदेह साबित हो सकता है।
जब भी आप इस मंत्र का उच्चारण करते है, तो अपने साथ अपने गुरु को जरूर साथ रखना चाहिए। अगर आपने ब्रह्मदीक्षा ली हुई है, तो फिर आप अपने गुरु से बगलामुखी मंत्र उच्चारण श्रुतिगौचर जरूर करना चाहिए
माँ बगलामुखी पूजा के लिए विशेष रूप से पालन किये जाने वाले नियम
Special rules to be followed for Maa Bagalamukhi Puja
बगलामुखी पूजा के लिए विशेष रूप से पालन किये जाने वाले नियम के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से समझाने की कोशिश की है। जिसका पालन करके आप भी माँ बगलामुखी पूजा के लिए विशेष रूप से पालन कर सकते है।
सबसे पहले आपको पूजा करने से पहले स्नान करना चाहिए।
इस पूजा को करने के लिए आपका तन और मन दोनों की शुद्धि और पवित्र होना आवश्यक हैं।
मंत्र उच्चारण के समय आपको पीले आसान पर बैठे।
मंत्र उच्चारण करते समय आपके पूरे बदन पर पीले वस्त्रों होने चाहिए।
भोजन करते समय आप पिले रंग की खिचड़ी का उपयोग कर सकते है।
मंत्र उच्चारण करते समय बगलामुखी माँ को हमेशा पिले फूलों का चढ़ावा चढ़ाए।
हमेशा मंत्र उच्चारण के लिए किसी एकांत स्थान का चयन करें।
व्यक्ति को बाल नहीं कटवाने चाहिए और एक ही समय भोजन करना चाहिए।
बगलामुखी मंत्र का जाप रात के समय 10 बजे से सुबह 4 बजे के बीच करना चाहिए साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
सारे नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है, इसके अलावा इनको आप गलत उद्देश्य से इस्तेमाल नही करना चाहिए।
इस नियमो का अच्छे से पालन करना चाहिए वरना ये आपको फायदे की जगह नुकसान पंहुचा सकता है।
माता बगलामुखी मंत्र :
ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।
माता बगलामुखी सर्व कार्य सिद्धि मंत्र :
ॐ ह्रीं ऎं क्लीं श्री बगलानने मम रिपून नाशय नाशय ममैश्वर्याणि देहि देहि शीघ्रं मनोवान्छितं साधय साधय ह्रीं स्वाहा ।
माँ बगलामुखी साधना बहुत ही मुश्किल साधना होती है, पर जो भी इंसान इसको सच्ची श्रद्धा से और तन – मन – धन और पूरी लगन के साथ माँ बगलामुखी की साधना करता है, उसकी संपूर्ण इच्छाएँ पूरी हो जाती है।
आपको हम बता दें की दशमहाविद्या में बगलामुखी का उपयोग करके आप अपने शत्रु को समाप्त करने तथा शत्रु का नाश करने के लिए भी इस मंत्र का उपयोग कर सकते है। बगलामुखी के जाप साधना मंत्र उच्चारण करने से बहुत अच्छा और शीघ्र ही लाभ मिलता हैं।
बगलामुखी मंत्र के उद्देश्य क्या है? : What is the purpose of Bagalamukhi Mantra?
बगलामुखी मंत्र के उद्देश्य के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से समझाने की कोशिश की है। आप भी हमारे द्वारा बताएं गए उद्देश्यों का पालन करके माँ बगलामुखी मंत्र के उद्देश्य के बारे जानकारी हासिल कर सकते है।
बिना किसी कारण के आप किसी का बुरा करने के लिए अगर इस साधना का उपयोग करते है, तो यह आपको फायदे की जगह उल्टा आपको नुकसान कर देता है।
इस साधना का उपयोग करने के लिए आपको पूर्ण रूप से धर्मपरायण होना आवश्यक होता है।
इस मंत्र का उद्देश्य शरीर के रोगों को दूर करना होता है।
इससे व्यक्ति को किसी भी प्रकार की बाधाएं आ रही हो वो सब दूर हो जाती है।
भुत – प्रेत आदि के सायों को दूर कर देता है।
बगलामुखी मंत्र के नुकसान क्या है? : What are the disadvantages of Bagalamukhi Mantra?
बगलामुखी मंत्र के नुकसान के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से समझाने की कोशिश की है। अगर आप किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए इस मंत्र का उपयोग करते है, तो यह फायदे की जगह नुकसान पहुंचा देता है, जों इस प्रकार है।
खुद पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है।
खुद के लिए हानिकारक साबित होता है।
खुद पर विप्पति आने की संभावना होती है।
मंत्र उच्चारण का निष्फल हो जाता है।
साधना का निष्फल हो जाता है और आपकी मेहनत सब बेकार हो जाती है।
बगलामुखी जाप से क्या लाभ होता हैं? : What are the benefits of chanting Baglamukhi?
बगलामुखी जाप से क्या लाभ के बारे में हमने आपको नीचे विस्तार से समझाने की कोशिश की है, जिसका पालन करके आप भी बगलामुखी जाप से लाभ प्राप्त कर सकते है।
जो लोग भी सच्चे मन से बगलामुखी की साधना मंत्र उच्चारण जाप आदि करते हैं, उनके समस्त रोगों दोष और दुःखो का नाश होता है।
शत्रुओं का नाश होता हैं और उनके अंदर से भूत – प्रेत की बाधा दूर होती है।
पाप, शौक, दोषबाधा, जैसी बाधाएं पूर्ण रूप से दूर हो जाती है।
यह चमत्कारी साधना बहुत जल्दी आपको उम्मीद से ज्यादा फल दे देती है।
इस साधना में माँ बहुत ही करुणामय होकर अपने सभी भक्तों को आशीर्वाद देती है।
जों भी व्यक्ति माँ बगलामुखी की साधना करता है उस व्यक्ति की दुश्मनी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
शत्रुओं का शीघ्रता से नाश हो जाता हैं साथ ही शत्रुओं का भय सदैव के लिए समाप्त हो जाता है साथ ही झुठे आरोपों से मुक्ति मिल जाती है
इस साधना से सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है और घर – परिवार में हमेशा सुख शांति बनी रहती है।
माँ बगलामुखी की साधना से व्यक्ति को हमेशा तरक्की मिलती है और उसका जीवन सुखमय बन जाता है।
व्यक्ति हमेशा अच्छा सोचता है और उसके सभी दोष दूर हो जाते है
बगलामुखी माँ की उत्पत्ति कैसे हुई? : How did Baglamukhi Maa originate?
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है की एक समय की बात है जब ब्रम्हा जी के हाथों से अद्वितीय ज्ञान ग्रंथ एक राक्षस लेकर भाग गया था और वह राक्षस पाताल लोक में उस ज्ञान ग्रँथ को लेकर चला गया था। ऐसा कहा जाता है की उस राक्षस को बहुत सारे देवताओं के वरदान प्राप्त थे, जिसके कारण उस राक्षस को मार पाना और उसका वध कर पाना ब्रम्हा – विष्णु – महेश तक के लिए मुश्किल था।
तब सभी देवताओं ने एक साथ मिलकर, शक्ति माँ काली को बगलामुखी रूप में प्रकट करने की कोशिश की थी। कथाओं के अनुसार यही से माँ काली बगलामुखी के नाम से सुप्रसिद्ध हुई और तब से यह दश महाविद्याओं में बहुत ही खास और विशेष मानी जाता हैं।
नवरात्रों में माँ बगलामुखी देवी की साधना कैसे करें? : How to worship Maa Baglamukhi Devi during Navratras?
नवरात्रों में बगलामुखी माँ की साधना करने के लिए विशेष काल – तिथि तथा मुर्हूत की जरूरत होती है। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है की चैत्र नवरात्रि तथा गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी की साधना करने से बहुत ही ज्यादा लाभ मिलता है।
इसके अलावा शास्त्रों के अनुसार नवरात्रों में माँ चंडी चामुंडा देवी की पूजा अर्चना करने के बाद माँ बगलामुखी की साधना करने से बहुत जल्दी और विशेष लाभ मिलता है।
बगलामुखी माँ की पूजा करने से पहले क्या करना चाहिए?
बगलामुखी माँ की पूजा करने से पहले व्यक्ति को स्नान करना चाहिए।
नवरात्रों में माँ बगलामुखी देवी की साधना कैसे करें?
चैत्र नवरात्रि तथा गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी की साधना करना सबसे सर्वोच्च माना जाता है।
बगलामुखी जाप से क्या लाभ होता हैं?
बगलामुखी जाप करने से व्यक्ति के समस्त दुखों का निवारण हो जाता है।
बगलामुखी मंत्र के नुकसान क्या है?
अगर गलत तरीके से और गलत धारणा से बगलामुखी मंत्र का जाप करें तो इससे फायदे की जगह नुकसान देखने को मिलता है।