राम जी की इच्छा समझकर राम हिंदी भजन लिरिक्स
Ramji Ki Ichha Samajhkar Ram Hindi Bhajan Lyrics
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Ramji Ki Ichha Samajhkar Ram Hindi Bhajan Lyrics
कभी खुशी के आँसू आंखों में , कभी दुख के आँसू आंखों में,
कभी फूल खिले हों राहों में , कभी शूल बिछे हों राहों में…..
जो भी मिले जितना मिले ना इनकार करना चाहिये,
राम जी की इच्छा समझकर स्वीकार करना चाहिये –2
जितना मिला है उसमें ही खुश रह ले प्राणी, बेमतलब क्यूँ रोता है,
जिस बर्तन को समझे आधा खाली तू , वो आधा भरा होता है……….
देने वाले से कभी ना शिकवा तकरार करना चाहिये,
राम जी की इच्छा समझकर स्वीकार करना चाहिये –2
मायावी इस संसार में हर प्राणी कुछ पाता है कुछ खोता है,
किसी के चाहने से ना होता कुछ , जो राम चाहें वो होता है……..
कम मिले या ज्यादा मिले सदा सत्कार करना चाहिये,
राम जी की इच्छा समझकर स्वीकार करना चाहिये –2
राम नाम रटने से जीवन में सबकुछ आता है,
तन मन और धन बढ़ता है……
मन को निश्छल रखने से सारी खुशियाँ आतीं हैं,
और दुःख सारा घटता है……..
निशदिन अपने राम प्रभु का आभार करना चाहिए,
राम जी की इक्छा समझकर स्वीकार करना चाहिए-2
स्थाई -असरों का नाश करने के लिए ,
विष्णु ने लिया राम अवतार ,
फिर काहे कैकई माँ को,
दोष लगाते हो बार बार ,
ये है राम अबतार , ये है राम अबतार,
ये है राम अबतार , ये है राम अबतार….
राम राज अगर तभी को जाता,
फिर राम को कौन मार पाता ,
इसलिय सरस्वती के द्वारा ,
मंथरा का दिमाग भष्ट हो जाता
फिर मंथरा ने भरे एसे कान ,
राम को छोडना पड़ा घर द्वार …
सारी अयोध्या में मातम छाता ,
हरेक कैकई को दोष लगता ,
क्या दशरथ क्या लक्ष्मण को ,
विधि का विधान समझ न आता,
पुत्र मोह में दशरथ आकर,
प्राण देने को किया स्वीकार ..